अण्णा ना dedicate हिंदीतून चारोळ्या
कहीं दूर जब दिन ढल जाए …
भ्रष्टाचारका अंधेरा हर तरफ फ़ैल जाए …
ना जाने कहिसे, आशा की किरन बन के वो आए …
आंधी कहो या चमत्कार, अन्ना तो हमें दुसरे गाँधी नज़र आए …! अनमोल…